Saturday 19 March 2016

ब्लू-रे डिस्क -blue ray disc

ब्लू-रे डिस्क (BD या ब्लू-रे नाम से भी प्रचलित) एक प्रकाशीय (Optical) डिस्क संग्रहण माध्यम है, जिसे मानक DVD प्रारूप का स्थान लेने के लिए बनाया गया है. आज के हाईटेक जमाने में स्टोरेज डिवाइस की कैपिसिटी कितनी भी हो, हमेशा कम ही लगती है। ज्यादा नहीं, कुछ चार-पांच साल पहले तक डाटा स्टोर करने के लिए लोग-बाग 1.44 एमबी की फ्लोपी का इस्तेमाल करते थे। सीडी जिसमें थी 600-800 एमबी की स्टोरेज कैपिसिटी। लेकिन बदलते जमाने के साथ इतनी मेमोरी भी कम पड़ने लगी, इसी वजह से आई डीवीडी। कुछ समय तो इसकी 4.7 जीबी मेमोरी की काफी गूंज रही, फिर लोगों को यह भी कम लगने लगी। अब जमाना आया है ब्लू रे डिस्क का। आपको पता है, इसकी स्टोरेज कैपिसिटी कितनी है? पूरे 25 जीबी की यानी डीवीडी की तुलना में कम से कम 5.5 गुना ज्यादा।
3 वीडीओ गेम्स और दूसरे डाटा को स्टोर करने में होता है. ब्लू-रे डिस्क का भौतिक विनिर्देशन 2004 में पूरा हुआ. जनवरी 2005, में सोनी ने घोषणा की कि उन्होंने ब्लू-रे डिस्क के लिए एक सख्त पॉलीमर आवरण विकसित किया है. मूलत: खरोंच से सुरक्षा के लिए प्रयोग किये जाने वाले कार्ट्रिज की अब कोई आवश्यकता नहीं रह गई थी और उन्हें हटा दिया गया. BD-ROM विनिर्देशन को 2006 के आरम्भ में अंतिम रूप दिया गया. ब्लू-रे डिस्क का नाम ब्लू-वायलेट लेज़र तकनीक से आया है जो इसको रीड करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. जहॉ एक साधारण डीवीडी 650 नैनोमीटर लाल लेज़र इस्तेमाल करती है वहीं ब्लू-रे डिस्क छोटी तरंग दैर्ध्य 405 नैनोमीटर ब्लू-वायलेट लेसर का उपयोग करता है, और लगभग एक डीवीडी से दस गुना अधिक डाटा स्टोर कर सकता है .

ब्लू-रे डिस्क बनाने वाली कंपनियां

  1. सोनी
  2. तोशिबा
  3. पायनियर
  4. पैनासोनिक
  5. एलजी
  6. सैमसंग

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